भाजपाः मूल विचार धारा की ओर

भारतीय जनता पार्टी में अभी उत्तर प्रदेश से मिलने वाली एक मात्र राज्य सभा की सीट श्री विनय कटियार जी को आवंटित की गई। भाजपा के इस फैसले को उसकी अपनी मूल विचारधारा की ओर लौटने का इसे एक संकेत माना जा सकता है। क्योंकि पिछड़ी जातियों में भाजपा के पास दो ही हिन्दू नेता हैं जो हिन्दुत्व के मुद्दे पर हमेशा आक्रामक रहते है। वो है विनय कटियार और उमा भारती हालांकि पहले यह काम श्री कल्याण सिंह के नाम हुआ करता था लेकिन उनके अलग हटने के बाद विचारधारा की दृष्टि से विनय कटियार और उमा भारती ही ऐसे नेता है जो उसका दृढता से समर्थन करते है। इसे कुशवाह को भारतीय जनता पार्टी को जोडने में सफल कटियार जी को पुरस्कार के रूप में भी देखा जा सकता है क्योंकि श्री कलराज मिश्र और श्री राजनाथ सिंह का करिश्मा लगता है अब पार्टी को राहत नहीं दे पा रहा है। कुशवाह, कुर्मी और लोध इन तीन जातियों का समुच्चय यदि पिछडों के कोटे से मुस्लिमों को दिये गये आरक्षण के विरूद्ध एक जुट होकर बीजेपी को एक नया जनाधार दे सकता है । रामजन्मभूमि की राजनीति भी नये सिरे से शुरू की जा सकती है यदि इसी बीच में कहीं मन्दिर से सम्बद्धित सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन वाद का फैसला भी आ जाता है तो श्री विनय कटियार को खुल कर खेलने का मौका मिल सकता है और उसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। लेकिन इससे प्रदेश में किसी बडें राजनैतिक परिवर्तन की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि ये तीनों नेता अपनी अपनी जातियों का प्रतिनिधित्व किसी क्षेत्र विशेष में भले करते हों लेकिन पूरे प्रदेश की इन जातियों पर इनका कोई प्रभाव नहीं है।

मैं समझता हूँ कि राज्य सभा के सदस्य के नाते श्री कटियार कुशवाह और कुर्मी समाज को जोडने में अवश्य कामियाब होंगे जहां तक हिन्दुत्व का सबाल है उसका नेतृत्व तो योगी आदित्य नाथ जैसे लोग ही कर सकते हैं।